Agar Main Apni Quwwat e Bashariyat Se Kaam Lun | Kalam e Ajal | Kalam Sarkar MeemHindi RA

اگر میں اپنی قوّتِ بشریت سے کام لوں۔
زمیں سے انتقام لوں فلک سے انتقام لوں۔

अगर मैं अपनी क़ुव्वत ए बशर्रिय्यत से काम लूँ।
ज़मीं से इन्तेक़ाम लूँ फ़लक से इन्तेक़ाम लूँ।

وہ صبح دم کہ جب میری فلک پہ چشم وا ہوئی۔
صدائے اسجدوا سنی تھی میں نے ربّ النّاس کی۔
وہ صف بصف فرشتگاں ملائکہ تھے سرنگوں۔
اگر میں اپنی قوّتِ بشریت سے کام لوں۔

वो स़ुब्ह दम कि जब मेरी फ़लक पे चश्म वा हुई।
स़दाए असजदु सुनी थी मैंने रब्ब ए नास की।
वो स़फ़ बस़फ़ फ़रिशत्गाँ मलायका थे सरनगूँ।
अगर मैं अपनी क़ुव्वत ए बशर्रिय्यत से काम लूँ।

کبھی عروجِ درفلک، کبھی مقامِ سافلیں۔
کبھی وہ پیشوائے دیں کبھی رسول و مرسلیں۔
کبھی وہ شجرةُ الیقین میں قیام و یسجدوں۔
اگر میں اپنی قوّتِ بشریت سے کام لوں۔

कभी उरूज ए दरफ़लक, कभी मक़ाम ए साफ़लीं।
कभी वो पेशवा ए दीन कभी रसूल ओ मुरसलीं।
कभी वो शजरतुल यक़ीन में क़याम ओ यसजदूँ।
अगर मैं अपनी क़ुव्वत ए बशर्रिय्यत से काम लूँ।

لَمۡ یَلِدۡ وَلَمۡ یُوۡلَدۡ کی قوّتِ عظیم ہوں۔
میں آپ ہی کلام ہوں میں آپ ہی کلیم ہوں۔
کہ میں وہی یتیم ہوں لوشتہ راز یسطروں۔
اگر میں اپنی قوّتِ بشریت سے کام لوں۔

लमयलिद वलमयुलद की क़ुव्वत ए अज़ीम हूँ।
मैं आप ही कलाम हूँ मैं आप ही कलीम हूँ।
कि मैं वही यतीम हूँ लविश्तराज़ यसतरूँ।
अगर मैं अपनी क़ुव्वत ए बशर्रिय्यत से काम लूँ।

میں بندۂ اِلہٰ ہوں کہ الّا لاالہٰ ہوں۔
زمیں پہ کُفُوًا اَحَد کی شاہد و گواہ ہوں۔
میں پیکرِ عمل ہوں امر فاعلونَ فاعلوں۔
اگر میں اپنی قوّتِ بشریت سے کام لوں۔
زمیں سے انتقام لوں فلک سے انتقام لوں۔

मैं बंदा ए इलाह हूँ कि इल्ला लाईलाह हूँ।
ज़मीं पे कुफ़ोअनअहद की शाहीद ओ गवाह हूँ।
मैं पैकर ए अमल हूँ अमर फ़ायलूना फ़ायलूँ।
अगर मैं अपनी कुव्वत ए बशर्रिय्यत से काम लूँ।
ज़मीं से इन्तेक़ाम लूँ फ़लक से इन्तेक़ाम लूँ।

کلام:- شیخ محمد افضل حسین میم ھندی اجلؔ رحمتہ الله علیہ۔
پیشکش :- مرکزِ افضلیہ ایجوکیشن ٹرسٹ
कलाम:- शैख़ मोहम्मद अफ़ज़ल हुसैन मीम हिन्दी अजल रहमतुल्लाह अलैेह।
पेशकश :- मरकज़ ए अफ़ज़लिया ऐजुकेशन ट्रस्ट

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⁦Kalam e Ajal | Agar Main Apni Quwwat e Bashariyat Se | By Meraj Afzaly | Kalam Sarkar MeemHindi (ra)

 

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