الله کا فرمان ہے فرمان محمّدؐ۔
قرآن ہیں قرآن ہیں قرآن محمّدؐ۔
अल्लाह का फ़रमान है फ़रमान मोहम्मद।
क़ुरआन हैं क़ुरआन हैं क़ुरआन मोहम्मद।
کی جنّ و ملائک نے بھی انسان کو سجدے۔
انسان ہیں انسان ہیں انسان محمّدؐ۔
की जिन्नो मलायक ने भी इन्सान को सज्दे।
इंसान हैं इंसान हैं इंसान मोहम्मद।
آدمؑ کو خلافت تو ملی روئے رمیں پر۔
سچ ہے کہ دو عالم کے ہیں سلطان محمّدؐ۔
आदम को ख़िलाफ़त तो मिली रूए ज़मीं पर।
सच है कि दो आलम के हैं सुल्तान मोहम्मद।
وہ قوم کسی سے نہ مٹا ہے نہ مٹےگا۔
جس قوم کے ہیں آپؐ نگہبان محمّدؐ۔
वो क़ौम किसी से ना मिटा है ना मिटेगा।
जिस क़ौम के हैं आप निगेहबान मोहम्मद।
تھے آپؐ بشر جس سے بشر کو ہے فضیلت۔
ہے خاک کے پُتلے میں نہاں شانِ محمّدؐ۔
थे आप बशर जिस से बशर को है फ़ज़ीलत।
है ख़ाक के पुत्ले में निहाँ शान ए मोहम्मद।
مانگی یہ دعا حضرتِ موسیٰ نے کہ یا رب۔
مجھکو بھی بنا دے تو غُلامانِ محمّدؐ۔
मांगी ये दुआ हज़रत ए मूसा ने कि या रब।
मुझको भी बना दे तू ग़ुलामान ए मोहम्मद।
✍🏻 کلام :- سرکار میم ہندیؒ شاہ محمد افضل حسین اجلؔ رحمتہ الله علیہ۔
پیشکش :- مرکزِ افضلیہ ایجوکیشن ٹرسٹ
نوادا بہار (انڈیا)
✍🏻 कलाम :- सरकार मीमहिन्दी शाह मोहम्मद अफ़ज़ल हुसैन “अजल” रहमतुल्लाह अलैेह।
पेशकश :- मरकज़ ए अफ़ज़लिया ऐजुकेशन ट्रस्ट
नवादा बिहार (इण्डिया)