Manqabat Imam Hussain | Muharram 2024 | Kalam e Ajal | Kalam Sarkar MeemHindi (RA)

ہم چلے آج ہیں سر سے باندھے کفن،الوداع ائے وطن الوداع ائے وطن۔
وقتِ رخصت یہ بولے حسینؑ الحسنؑ،الوداع ائے وطن الوداع ائے وطن۔

हम चले आज हैं सर से बांधे कफ़न, अलविदा ऐ वतन अलविदा ऐ वतन।
वक़्ते रुख़सत ये बोले हुसैन अलहसन, अलविदा ऐ वतन अलविदा ऐ वतन।

جا رہا ہے شھیدوں کا ایک قافلہ۔چھوڑ اپنے وطن وہ سوئے کربلا۔
حق و باطل کا ہوگا وہیں فیصلہ۔سر کٹا دیں گے سب ہوکے تشنۂ دہن۔
الوداع ائے وطن الوداع ائے وطن۔

जा रहा है शहीदों का एक क़ाफ़ला। छोड़ अपने वतन वो सूए कर्बला।
हक़्क़ो बातिल का होगा वहीं फ़ैसला। सर कटा देंगे सब होके तिश़्ना ए दहन।
अलविदा ऐ वतन अलविदा ऐ वतन।

آپؐ فرماتے ہیں ائے نورِ نبیؐ۔ہے گنہگار بیحد میرے اُمّتی۔
خون سے اہلِ بیت کی ہے مخلصی۔ہے یہی رب کا منشاء میرے پنجتنؑ۔
الوداع ائے وطن الوداع ائے وطن۔

आप फ़रमाते हैं ऐ नूरे नबी। है गुनहगार बेहद मेरे उम्मती।
ख़ून से अहले बैय्यत की है मुख़लिसी। है यही रब का मंशा मेरे पंजतन।
अलविदा ऐ वतन अलविदा ऐ वतन।

ائے حسینؑ تم ہی جنّت کے سردار ہو۔اور قیامت میں بخشش کے مختار ہو۔
فخرِ دین فخرِ اُمّت ہو ابرار ہو۔تجھ پہ قربان ہے میرا دل و جان و تن۔
الوداع ائے وطن الوداع ائے وطن۔

ऐ हुसैन तुम ही जन्नत के सरदार हो। और क़यामत में बख़्शिश के मुख़्तार हो।
फख़्रे दीं फख़्रे उम्मत हो अबरार हो। तुझ पे कुर्बान है मेरा दिलो जानो तन।
अलविदा ऐ वतन अलविदा ऐ वतन।

کلام:- شیخ محمد افضل حسین میم ھندی اجلؔ رحمتہ الله علیہ۔
پیشکش :- مرکزِ افضلیہ ایجوکیشن ٹرسٹ
कलाम:- शैख़ मोहम्मद अफ़ज़ल हुसैन मीम हिन्दी अजल रहमतुल्लाह अलैेह।
पेशकश :- मरकज़ ए अफ़ज़लिया ऐजुकेशन ट्रस्ट

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Shahidi o Rukhsati | Alvida Ai Watan Alvida Ai Watan | By Meraj Afzaly | Kalam Sarkar MeemHindi (ra)

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