یا علی مشکل کشاؑ مشکل کشائی کیجئے۔
ہم غریب و ناتواں کی رہنمائی کیجئے۔
या अली मुश्किल कुशा मुश्किल कुशाई कीजिए।
हम ग़रीब ओ नातवां की रहनुमाई कीजिए।
آ پڑا پھر ناگہاں غم کا بڑا طوفان ہے،
باطُفیل مُصطفیٰؐ غم کی صفائی کیجئے۔
आ पड़ा फिर नागहां ग़म का बड़ा तूफ़ान है,
बातुफ़ैल ए मुस्तफ़ा ग़म की स़फ़ाई कीजिए।
دین و دنیا کی سب دولت آپ ہی کے پاس ہے،
یا علی المُرتضیٰؑ کچھ بانوائی کیجئے۔
दीन ओ दुनिया कि सब दौलत आप ही के पास है,
या अली अल मुर्तज़ा कुछ बानवाई कीजिए।
ہم اُلجھ کر رہ گئے دنیا کے پیچ و تاب میں،
قید سے اس بےوفا کی اب رہائی کیجئے۔
हम उलझ कर रह गए दुनिया के पेच ओ ताब में,
क़ैद से इस बेवफ़ा की अब रिहाई कीजिए।
ہو گیا ذکرِ علیؑ میں ذکرِ اعلیٰ ائے معراؔج،
کیا ضرورت ہے کی اب حمد و ثنائی کیجئے۔
होगया ज़िक्र ए अली में ज़िक्र ए आला ऐ “मेराज”,
क्या ज़रूरत है कि अब हम्द ओ सनाई कीजिए।
کلام :- معراؔج افضلی
پیشکش :- مرکزِ افضلیہ ایجوکیشن ٹرسٹ
कलाम :- मेराज अफ़ज़ली
पेशकश :- मरकज़ ए अफ़ज़लिया ऐजुकेशन ट्रस्ट
ویڈیو کو دیکھنے کیلئے لنک پر کلک کریں
———————————————————-
Manqabat Maula Ali | Ya Ali Mushkil Kusha Mushkil Kushai Kijiye | By Meraj Afzaly